jaipur ring road

जयपुर उत्तरी कॉरिडोर: विकास या विनाश? किसानों ने छेड़ा ऐतिहासिक संघर्ष, महासभा में होगा तगड़ा विरोध!

जयपुर: राजधानी से जुड़ी एक महत्वपूर्ण खबर आ रही है। 06 फरवरी 2025 को जयपुर के उत्तरी कॉरिडोर (रिंग रोड) के निर्माण के खिलाफ एक भव्य महासभा आयोजित की जा रही है। यह महासभा वीर तेजाजी का मन्दिर, खातियों का ढ़ाणी, रामपुरा डाबड़ी स्थित एनएच 52 हाईवे पर प्रातः 11:15 बजे से शुरू होगी, जहां किसानों और स्थानीय ग्रामीणों द्वारा जमकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।जयपुर का उत्तरी कॉरिडोर (रिंग रोड) अब सिर्फ एक सड़क नहीं, बल्कि किसानों और स्थानीय निवासियों के लिए एक अस्तित्व का सवाल बन गया है!

महासभा के आयोजकों का कहना है कि जयपुर रिंग रोड के निर्माण के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जा रही है, लेकिन यह कदम क्षेत्रीय विकास के बजाय विनाश का कारण बनेगा। इस योजना के तहत, “उत्तरी कॉरिडोर” के लिए प्रस्तावित तीन अलाईमेंट्स से कई गांवों के लोग प्रभावित हो सकते हैं, जिससे उनकी आजीविका और घरों की सुरक्षा पर खतरा मंडराने लगा है।

क्या है असल माजरा?

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने जयपुर रिंग रोड (उत्तरी कॉरिडोर) के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। लेकिन सवाल यह है कि जब इस कॉरिडोर की योजना तैयार की जा रही थी, तब किसकी मर्जी को ध्यान में रखा गया? क्या ये अलाईमेंट्स (सड़क मार्ग) सिर्फ एक कागज़ी योजना नहीं हैं, जो बिना किसी स्थानीय सहभागिता के बनाई गईं? इन अलाईमेंट्स में शामिल गांवों को विकास का लाभ नहीं, बल्कि विनाश का सामना करना पड़ सकता है।

इन अलाईमेंट्स में तीन अलग-अलग मार्गों का प्रस्ताव दिया गया है – अलाईमेन्ट 1, अलाईमेन्ट 2 और अलाईमेन्ट 3 – जिसमें सैकड़ों गांवों की ज़मीनें शामिल हैं। इस भूमि अधिग्रहण के कारण किसान अपनी ज़मीन से हाथ धो सकते हैं और उन्हें भारी वित्तीय संकट का सामना करना पड़ सकता है।

महासभा का उद्देश्य

इस महासभा में किसान और ग्रामीण एकजुट होकर अपनी आवाज़ उठाएंगे और भारतीय सरकार, प्रधानमंत्री, परिवहन मंत्री, मुख्यमंत्री और जिला कलेक्टर से एक सख्त अपील करेंगे कि इस परियोजना को रद्द किया जाए या फिर पूरे सर्वेक्षण और योजना में पुनः बदलाव किया जाए।

ज्ञापन में मांग की जाएगी कि इस कॉरिडोर की भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को रोका जाए और इसके बजाय एक नया सर्वेक्षण किया जाए, ताकि स्थानीय निवासियों को विकास में समुचित भागीदारी मिल सके।

किसान और ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया है कि इस परियोजना में गलत तरीके से ग्राम क्षेत्रों को शामिल किया गया है, जो इन गांवों के विकास और संस्कृति के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। इस विरोध प्रदर्शन में सभी कृषि उपकरण निर्माता उद्योगों और लघु उद्योग कर्मियों को भी शामिल होने की अपील की गई है, ताकि इस विनाशकारी योजना का विरोध किया जा सके और इसका सामना किया जा सके।

उत्तरी कॉरिडोर के अलाईमेन्ट्स में शामिल गांवों की सूची

अलाईमेन्ट 1अलाईमेन्ट 2अलाईमेन्ट 3
हंसापुरा बस भाकरोटादृश्चन्दपुरामहलान
मुकन्दपुराघृध्यानपुरालासनपोता
महाराजपुरादहमीखूर्दसारना
गोविन्दपुरासजारियादेवाला
जयचन्दपुरारामसिंहपुराबोराज
जयभवानीपुराबेगाससुरपुरा
नटलालपुराबसेरीचन्द्रभानपुरा
मुडिया रामसरपचारबोबास
मुडिया पुरोहितानलालपुरालघु जी का बास
चक रामसरचारणवासबामनियावास
नदगाव बहसानाभाद्‌ भोपावासचांदपुरा
श्रीरामपुरासेरावतपुराचम बूथ जी का बास
तैवरीवामुडोतागोकुलपुरा
कबर का बासनागल लाडीगणेशपुरा
कपरियावासयादव रबेगखोरी अलुफा
रामला का बासमहेशवासबासिचगा
कलवारचक रोजदातिवारिया
भाग भोपावासचक जेतपुराभाग भोपावास
मुडोतानारदपुरासुन्दरियावास
महेशवाश खार्ददादर बावड़ीसेरावतपुरा
चक रोजदाजयरामपुराबुगालिया
चक जेतपुरादेवगुढ़ाचन्द्रपुरा
दादर खोड़ामुकन्दपुराजाहौता
दादर बावड़ीकवरपुरानांगल लाडी
सुदर्शनपुराजाहोताराधाकिशनपुरा
जयरामपुराचिमनपुराघिंरगी
बस बाउरी67 जाहोता के पासयादर खेड़ा
देवगुढ़ाजेतपुरा अणतपुराश्रीपुरा
मुकन्दपुरामोरिजासुदर्शनपुरा
मौरीचिथवाड़ीबास बावड़ी
कवरपुराचौमूँदेवगुढ़ा
अटलबिहारीपुराजेतपुरा खींचीभोरी
जाहोतासागावालाअटल बिहारीपुरा
चिमनपुराअचरोलजाहोता
जैतपुरासिपारीचिमनपुरा
चोमूँगूजरों का बासभट्टो की गली
जेतपुरापालो की ढ़ाणीआकेड़ा चोड़
चौमूँ बीरामपुरा डाबड़ी
अनन्तपुराबुरथल
मोरिजाअणतपुरा
चीथवाड़ीरिसाणी
इसरावालाचिथवाड़ी
पितोणिचौंप
कालीघाटीइतरावाला
जैतपुरा खींचीपोखरवाला
सागावालाबिलोंची
अचरोलकालीघाटी
सिपारीजेतपुरा खींची
गूजरों का बाससागावाला खींची
पालो की ढ़ाणीअणि

यह तालिका सभी अलाईमेन्ट्स के अंतर्गत आने वाले गांवों को दर्शाती है, जिनसे उत्तरी कॉरिडोर परियोजना प्रभावित होगी।

संघर्ष की इस घड़ी में, सभी ग्रामवासियों और किसान भाइयों से आग्रह किया गया है कि वे इस महासभा में अधिक से अधिक संख्या में शामिल हों और अपने भविष्य को बचाने के इस आंदोलन को सफल बनाएं।

महासभा का नेतृत्व भाजपा नेता फूलचंद सोलेट द्वारा किया जायेगा।

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