जयपुर उत्तरी कॉरिडोर रिंग रोड: भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज, 21 दिसंबर को मांगी गई रिपोर्ट!
जयपुर में प्रस्तावित उत्तरी कॉरिडोर रिंग रोड को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। इस मेगा प्रोजेक्ट के लिए प्रभावित होने वाले गांवों की खसरा नंबर रिपोर्ट 21 दिसंबर 2024 को संबंधित उपखंड अधिकारियों से मांगी गई है।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इस रिंग रोड के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का निर्देश दिया है। परियोजना के तहत जयपुर और दूदू जिले के कई गांवों की जमीन को अधिग्रहित किया जाएगा।
तीन प्रस्तावित अलाइनमेंट्स, जल्द होगा अंतिम निर्णय!
डी.पी.आर. सलाहकार मैसर्स उपहाम इंटरनेशनल कॉर्पोरेशन द्वारा तीन अलग-अलग अलाइनमेंट्स प्रस्तावित किए गए हैं, जो अब अनुमोदन के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण मुख्यालय को भेजे गए हैं। अनुमोदन मिलते ही भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
भूमि रूपांतरण पर लगी रोक!
इस मामले में सभी संबंधित राजस्व अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि जयपुर रिंग रोड (उत्तरी कॉरिडोर) से जुड़े किसी भी गांव में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की अनुमति के बिना भूमि रूपांतरण की प्रक्रिया न की जाए।
कई प्रशासनिक अधिकारी मामले से जुड़े!
भूमि अधिग्रहण को लेकर जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA), जिला प्रशासन, क्षेत्रीय अधिकारी, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट सहित 16 उपखंड अधिकारियों को इस प्रोजेक्ट से जोड़ा गया है। प्रभावित क्षेत्रों में सांगानेर, आमेर, बस्सी, चौमू, जोबनेर, जमवारामगढ़, दूदू, मौजमाबाद, किशनगढ़ रेनवाल, बगरू और फुलेरा शामिल हैं।
ये गांव आ रहे है उत्तरी कॉरिडोर रिंग रोड में


क्या होगा आगे?
इस बहुप्रतीक्षित रिंग रोड के बनने से जयपुर शहर को भारी वाहनों की आवाजाही से राहत मिलेगी और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। लेकिन भूमि अधिग्रहण को लेकर किसानों का विरोध भी लगातार जारी है। अब देखना यह होगा कि सरकार इस मसले को किस तरह से सुलझाती है और प्रोजेक्ट कब तक धरातल पर उतरता है!